पारद शिवलिंग मंत्र Can Be Fun For Anyone

जोधपुर में जलभराव और बारिश को लेकर कंट्रोल रूम बनाया

उसके बाद जातक को पूर्व-उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए।

अगर आपके परिवार में किसी सदस्य की तबीयत खराब है और दवाई आदि का भी कोई असर नही हो रहा है, तो आपको पराद शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए। इस शिवलिंग की पूजा करने से सभी रोगों से छुटकारा मिलता है।

आपको बता दें कि यह शिवलिंग काफी महत्वपूर्ण और शुभ मानी जाती है। जीवन में खुशियां प्राप्त करने के लिए पारद शिवलिंग की पूजा काफी लाभकारी मानी जाती है इससे परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। और धन-धान्य की कभी भी कमी नहीं होती। साथ ही साथ जातक के जीवन में सारी समस्या धीरे-धीरे कम होने लगती है। आयुर्वेद के अनुसार पराद शिवलिंग की पूजा करने से हाई ब्लड प्रेशर के साथ-साथ अस्थमा से लड़ने में काफी मदद मिलती है। इसीलिए यह शिवलिंग काफी लाभकारी होता है।

जर तुम्ही पारद शिवलिंगाची पूजेजा केली तर तुम्हाला कोट्यवधी शिवलिंगांची पूजा केल्याने मिळणारे फळ मिळते अशी मान्यता आहे.

ब्रह्महत्या सहस्त्राणि गौहत्याया: शतानि च।

घर के सभी वास्तु दोषों की समाप्ति के लिए और वातावरण को पवित्र करने के पारद शिवलिंग / pare ka shivling को घर में रखा जाता है। यदि आप अपने घर में मौजूद दरिद्रता और बुरी शक्तियों का नाश करना चाहते हैं इसे घर में स्थापित कर सकते हैं।

Stay away from the trouble and force of negotiating at dealerships and acquire the vehicle you're looking for on YOUR terms. Our provider may help motor vehicle customers such as you snag the very best automobile deal quickly, uncomplicated, and problem-free!

पारद शिवलिंग मानी जाती है. मान्यता है कि ये शिवलिंग महादेव को अति प्रिय है. click here मान्यता है कि यदि पारद शिवलिंग की रोजाना विधिवत पूजा की जाए तो घर की बीमारियां समाप्त होती हैं और परिवार पर आए संकट दूर हो जाते हैं.

शिवजी के प्रिय सावन माह के कुछ ही दिन शेष हैं। इस माह में पारद शिवलिंग की विशेष पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं.

१०० अश्वमेघ यज्ञ , चार धाम यात्रा , एक लाख गायीचे दान , केल्याने जे फळ मिळते ते एकट्या पारद शिवलिंगाच्या पूजनाने मिळेल.

भगवान विष्णु ने भी शिवलिंग की उपासना करके भगवान शिव से अनेक शक्तिया प्राप्त की और राक्षसों का अंत किया था

सिद्धिदात्री – ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धयै नमः।।

विभिन्न हिंदू परंपराओं में शिवलिंग की परिभाषा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *